Wednesday, October 30, 2019

फिर से इक बार उसे ख़ुद पे सितम ढाने दूँ

फिर से इक बार उसे ख़ुद पे सितम ढाने दूँ, 
या'नी वह लौट के आए तो उसे आने दूँ! 

No comments: