आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया, जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया!
~जोश
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