Wednesday, February 10, 2021

गुलाब चाहते हो तो कांटो से डरते क्यूं हो

गुलाब चाहते हो तो कांटो से डरते क्यूं हो
बाकी है जिम्मेदारियां बहुत अभी से टूटते क्यूं हो

प्यार करो टूटकर, नफ़रत से लड़ो संभलकर
जीना है एक जमाना अभी से बिखरते क्यूं हो

तुम्हीं ने तो कहा था कि हम थे, हैं, रहेंगे दोस्त
तो फिर मुझसे शिकवे-गिले करते क्यूं हो

तुम्हीं ने तो कहा था कि मैं तेरे बिन नहीं रह सकती
फिर मुझसे इस कदर रूठते क्यूं हो

वादा जो तुमने किया था उम्र भर साथ चलने का
फिर इस मोड़ पर मुझसे बिछुड़ते क्यूं हो

पुकारोगे तो मैं दौड़ी चली आऊंगी तुम्हीं ने तो कहा था
फिर मेरे बुलाने पर ऐसे बहाने बनाते क्यूं हो

आज जो पराया है वो कभी अजीज था तेरा 'शिवचरण'
वो जैसा है अपना है उसे बुरा कहते क्यूं हो

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