जिनकी मुलाकातें नहीं होती,
दूर रहकर भी,
अलग होने की बातें नहीं होती,
तुम्हें हर वक्त आसानी से मिल जाता हूं,
इसलिए मेरी अहमियत नहीं जानते,
उनसे पूछो हमारी अहमियत,
जिनकी गलियों में हमारे बगैर रातें नहीं होती।
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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