Saturday, February 6, 2021

रगों मे मेरी अब तेरा लहू है

रगों मे मेरी अब तेरा लहू है,
मेरी सूरत भी तुझ सी हुबहू है,
मेरे अन्दर से खुद मै हूँ गायब ,
सरापा जिस्म मे अब तू ही तू है,
मकां हू मै तू बामो दर है मेरा,
तू ख़द ओ ख़ाल है पैकर है मेरा,
ये तेरे इश्क का हर सू असर है,
जमाल ओ रंग अब बेहतर है मेरा

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