लेना है अगर मोल तो आज़ाद न करना।
- नज़्म तबातबाई
वही हक़दार हैं किनारों के,
जो बदल दें बहाव धारों के।
- निसार इटावी
ख़ुदा तौफीक़ देता है जिन्हें, वो यह समझते हैं,
कि ख़ुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तक़दीरें।
- अफ़सर मराठी
मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख कर
उस ने दीवारों को अपनी और ऊंचा कर दिया।
- आदिल मंसूरी
हवा ख़फ़ा थी मगर इतनी संग-दिल भी न थी
हमीं को शमअ जलाने का हौसला न हुआ।
- क़ैसर-उल जाफ़री
देख यूं वक़्त की दहलीज़ से टकरा के न गिर,
रास्ते बंद नहीं सोचने वालों के लिए।
- फारिग़ बुख़ारी
कहिए तो आसमां को ज़मीं पर उतार लाएं
मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए।
- शहरयार
इन अंधेरों से परे इस शब-ए-ग़म से आगे
इक नई सुब्ह भी है शाम-ए-अलम से आगे
- इशरत क़ादरी
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है
- आल-ए-अहमद सूरूर
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
- शकील आज़मी
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