Thursday, February 11, 2021

सब से पहले एक वादा कीजिए, दिल के तड़पाने से तौबा कीजिए

वादा वो कर रहे हैं ज़रा लुत्फ़ देखिए
वादा ये कह रहा है न करना वफ़ा मुझे
- जलील मानिकपुरी

यूं ही वादा करो यक़ीं हो जाए
क्यूं क़सम लूं क़सम के क्या मअनी
- सख़ी लख़नवी

वादा आने का वफ़ा कीजे ये क्या अंदाज़ है
तुम ने क्यूं सौंपी है मेरे घर की दरबानी मुझे
- मिर्ज़ा ग़ालिब

किसी से आज का वादा किसी से कल का वादा है
ज़माने को लगा रक्खा है इस उम्मीद-वारी में
- मुबारक अज़ीमाबादी

जब कहते हैं हम करते हो क्यूं वादा-ख़िलाफ़ी
फ़रमाते हैं हंस कर ये नई बात नहीं है
- लाला माधव राम जौहर

सब से पहले एक वादा कीजिए
दिल के तड़पाने से तौबा कीजिए
- ख़ुसरव काकोरवी 

मुझे है ए'तिबार-ए-वादा लेकिन
तुम्हें ख़ुद एतिबार आए न आए
- अख़्तर शीरानी

किया है आने का वादा तो उस ने
मेरे परवरदिगार आए न आए
- अख़्तर शीरानी

भूलने वाले को शायद याद वादा आ गया
मुझ को देखा मुस्कुराया ख़ुद-ब-ख़ुद शरमा गया
- असर लखनवी

वादा झूटा कर लिया चलिए तसल्ली हो गई
है ज़रा सी बात ख़ुश करना दिल-ए-नाशाद का
- दाग़ देहलवी


तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना 
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए'तिबार होता 
मिर्ज़ा ग़ालिब

आदतन तुम ने कर दिए वादे 
आदतन हम ने ए'तिबार किया 
गुलज़ार

अब तुम कभी न आओगे यानी कभी कभी 
रुख़्सत करो मुझे कोई वादा किए बग़ैर 
जौन एलिया


वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे 
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था 
दाग़ देहलवी

तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा 
आज की रात भी दरवाज़ा खुला रक्खूँगा 
शहरयार

आप ने झूटा व'अदा कर के 
आज हमारी उम्र बढ़ा दी 
कैफ़ भोपाली

आप तो मुँह फेर कर कहते हैं आने के लिए 
वस्ल का वादा ज़रा आँखें मिला कर कीजिए 
लाला माधव राम जौहर

इन वफ़ादारी के वादों को इलाही क्या हुआ 
वो वफ़ाएँ करने वाले बेवफ़ा क्यूँ हो गए 
अख़्तर शीरानी

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