Tuesday, February 23, 2021

दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं

दिल की बात लबों पर ला कर अब तक हम दुख सहते हैं
हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं


हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं
दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं

लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी
हम तिरी दोस्ती से डरते हैं


भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे
नए चराग़ जला रात हो गई प्यारे

कुछ लोग ख़यालों से चले जाएं तो सोएं
बीते हुए दिन रात न याद आएं तो सोएं


अब तुझ से हमें कोई तअल्लुक़ नहीं रखना
अच्छा हो कि दिल से तिरी यादें भी चली जाएं

वो देखने मुझे आना तो चाहता होगा
मगर ज़माने की बातों से डर गया होगा


हम ने दिल से तुझे सदा माना
तू बड़ा था तुझे बड़ा माना

इक उम्र सुनाएं तो हिकायत न हो पूरी
दो रोज़ में हम पर जो यहां बीत गई है


जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आंखें
दिल कहता है उन को भी मैं याद आता हूं

-हबीब जालिब

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