Monday, November 18, 2019

You & Me

कभी यूँ भी, आ मेरी आँख में, 
कि मेरी नज़र को ख़बर न हो! 
तू मुझे एक रात नवाज़ दे, 
मगर उसके बाद सहर न हो! 
मेरे पास, मेरी Smiley, आ ज़रा, 
और दिल के क़रीब आ! 
तुझे धड़कनों में बसा लूँ मैं, 
कि बिछड़ने का कोई डर न हो! 



तुम गले से लगाकर मुस्कुराई और पलट कर चल पड़ी, मैने देखा खुद को जाते हुए तुम्हारे साथ!


शाम ढ़लते ही अनगिनत तारों सा, 
घर कर जाती है दिल में तेरी याद , 
जैसे हवा के झोंके ने खोला हो झरोखा,  
खुशबू से भर गया हो दिल का हर कोना l


किस को देती है ठहरने की इजाज़त दुनिया,  
मैं भी एक शाम गुजारूँगा चला जाऊँगा!

ऐसा नहीं है की वो, 
मेरे शहर आता नहीं! 
बात ये है की अब वो,
मुझे बताता नहीं है!


मैं तमाम दिन का थका हुआ, तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर, तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ! 

अपनी मर्ज़ी से दिन किया,
अपनी मर्ज़ी से रात की,
कभी खोल ली ज़ुल्फ़ें उसने,
कभी बांध ली!!




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