Saturday, November 30, 2019

रूह सिलवट हटा रही होगी

फिर मेरी याद आ रही होगी, 
फिर वो दीपक बुझा रही होगी.

फिर उसी ने उसे छुआ होगा, 
फिर उसी से निभा रही होगी.

जिस्म चादर सा बिछ गया होगा,
रूह सिलवट हटा रही होगी


कुमार विश्वास

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