Tuesday, November 19, 2019

कभी खोल ली ज़ुल्फ़ें उसने

अपनी मर्ज़ी से दिन किया,
अपनी मर्ज़ी से रात की,
कभी खोल ली ज़ुल्फ़ें उसने,
कभी बांध ली!!


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