Saturday, November 23, 2019

दो रोज़ की महफ़िल है इक उम्र की तन्हाई

इस आलम-ए-वीराँ में क्या अंजुमन-आराई 
दो रोज़ की महफ़िल है इक उम्र की तन्हाई 

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