Monday, November 18, 2019

तो कुछ कांटे भी बाग मे सजाकर देखो।

सौ शमा जला के भी जग को रौशन ना कर सकोगे, 
इक उम्मीद जरा दिल मे जलाकर देखो ।
गुल से गुलजार चमन को गर बचाना चाहो
तो कुछ कांटे भी बाग मे सजाकर देखो। 

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