Saturday, November 9, 2019

इकबाल शायरी

ख़ूदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले
 ख़ूदा बंन्दे से ख़ूद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है!!!!

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना 
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा!

तमन्ना दर्द-ए-दिल की हो तो कर ख़िदमत फ़क़ीरों की 
नहीं मिलता ये गौहर बादशाहों के ख़ज़ीनों में...

एक ही सफ़ में खड़े हो गए महमूद -ओ अयाज़
न कोई बन्दा रहा और न कोई बन्दा नवाज़

सितारों के आगे जहां और भी है, 
अभी इश्क के इम्तेहान और भी है ।









#अल्लामा_इक़बाल

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