Wednesday, November 6, 2019

हाय इक बुत की इबादत का नशा!

पहले पहले की मुहब्बत का नशा, 
हाय इक बुत की इबादत का नशा! 
बाद तक हम दर्द से ग़ाफ़िल रहे, 
बाक़ी था नज़रे इनायत का नशा! 

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