Friday, November 8, 2019

ये अदा ये आवाज़ ये लहज़ा शायरी का

हिंदी को तसल्ली है उर्दू को भी राहत है 
अभी एक सितारा बुलंदियों पे सलामत है 
ये अदा ये आवाज़ ये लहज़ा शायरी का 
ये नहीं है तो फिर और क्या क़यामत है! 

No comments: