Sunday, February 9, 2020

किस बात पर है गुस्सा, हमें बताया तो होता !

किस बात पर है गुस्सा, हमें बताया तो होता !
कितने ग़ुबार हैं दिल में, हमें बताया तो होता !

हम तो तैयार थे उनके दीदार को हर वक़्त,
मगर एक बार भी उसने, हमें बुलाया तो होता !

देख लेते हम भी दिल की तस्वीर झाँक कर,
मगर दिल में कभी उसने, हमें बसाया तो होता !

ज़रा सी बात को ही बना दिया दास्ताँ उसने,
ग़लती थी अगर कोई तो, हमें बताया तो होता !

बड़ा विचित्र है रोग ग़लत फहमियों का "दोस्त",
दवाई कौन सी है इसकी, हमें सुझाया तो होता !

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