Wednesday, February 19, 2020

जाग के रात राख़ किया करते हैं

शायर दर्द क़लम में भरने को
दिल में सुराख़ किया करते हैं

धुआँ कर देते हैं सुलगाकर दिन 
जाग के रात राख़ किया करते हैं! 

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