Sunday, February 2, 2020

लहरों को ख़ामोश देखकर, ये ना समझना

लहरों को ख़ामोश देखकर, ये ना समझना,
कि समंदर में रवानी नहीं है,
हम जब भी उठेंगे, तूफ़ान बनकर उठेंगे,
बस उठने की अभी, ठानी नहीं है। 

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