Saturday, February 8, 2020

तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से 

तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से 

हाए उस वक़्त को कोसूँ कि दुआ दूँ यारो 

जिस ने हर दर्द मिरा छीन लिया है मुझ से 

दिल का ये हाल कि धड़के ही चला जाता है 

ऐसा लगता है कोई जुर्म हुआ है मुझ से 

खो गया आज कहाँ रिज़्क़ का देने वाला 

कोई रोटी जो खड़ा माँग रहा है मुझ से 

अब मिरे क़त्ल की तदबीर तो करनी होगी 

कौन सा राज़ है तेरा जो छुपा है मुझ से 

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