बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा.
#AllamaIqbal
किसी को हो न सका उसके क़द का अंदाज़ा
वो आसमान था मग़र सर झुका के चलता था !!
खूद ही को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से
पहले खूदा बंन्दे से खुद पुछे बता तेरी रज़ा क्या है।
परिंदों को मंजिल मिलेंगी यकीनन,
यह फैले हुए उनके पर बोलते हैं !!
वोही लोग रहते है खामोश अक्सर,
ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं !!
अंधेरा सारा समेट कर अपने पहलु में कर लिया,
मियां काबिलियत तो देखिये अदने से चरागं की।
हम हैं माजरा तलब जिन की दस्ताने जुबानिया होंगी!
तुम्हारी महफ़िल मै हम नहीं होंगे पर हमारी कहानियां होंगी!
वो नौजवान को हौसलों की उड़ान रखते हैं
अपने कद्मों में ज़मीं आसमां ____रखते हैं
ना कर फिकर की तू है एक नन्हा सा चिराग
तेरे हौसले खुद में हज़ारों तूफ़ान रखते__ है!
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