Monday, February 10, 2025

गुलाब शायरी Rose Day

 1. मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूं


वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता


- अफ़ज़ल इलाहाबादी


2. भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब


कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है


- अहमद फ़राज़


3. बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने से


चमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका


- आरज़ू लखनवी


4. नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए


पंखुड़ी इक गुलाब की सी है


- मीर तक़ी मीर


Shayari on rose for Instagram

5. कभी गुलाब से आने लगी महक उस की


कभी वो अंजुम ओ महताब से निकल आया


- महबूब ज़फ़र


7. नए दौर के नए ख़्वाब हैं नए मौसमों के गुलाब हैं


ये मोहब्बतों के चराग़ हैं इन्हें नफ़रतों की हवा न दे


- बशीर बद्र


8. सुनो कि अब हम गुलाब देंगे गुलाब लेंगे


मोहब्बतों में कोई ख़सारा नहीं चलेगा


- जावेद अनवर


9. बिछे थे राहों में फूल कितने


जो भा गया वो गुलाब हो तुम


- साइमा नसीम बानो


10. फिर याद आ गए वही कॉलेज के दिन मुझे


सूखे गुलाब निकले पुरानी किताब से


- शायान क़ुरैशी


Shayari on rose love in Hindi

11. कहां चराग़ जलाएं कहां गुलाब रखें


छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता


- निदा फ़ाज़ली


12. फूलों की सेज पर ज़रा आराम क्या किया


उस गुल-बदन पे नक़्श उठ आए गुलाब के


- आदिल मंसूरी


13. दिन में आने लगे हैं ख़्वाब मुझे


उस ने भेजा है इक गुलाब मुझे


- इफ़्तिख़ार राग़िब


14. निकल गुलाब की मुट्ठी से और ख़ुशबू बन


मैं भागता हूं तिरे पीछे और तू जुगनू बन


- जावेद अनवर


Shayari on rose flower in Hindi

15. मैं ने भेजी थी गुलाबों की बशारत उस को


तोहफ़तन उस ने भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा भेजी है


- हामिद सरोश


16. बसी है सूखे गुलाबों की बात सांसों में


कोई ख़याल किसी याद के हिसार में है


- ख़ालिदा उज़्मा


17. आप से जो भी ख़ार खाते हैं


उन की ख़ातिर गुलाब ले जाओ


- मीनाक्षी जिजीविषा


18. किसी के लम्स की तासीर है कि बरसों बा'द


मिरी किताबों में अब भी गुलाब जागते हैं


- अख़लाक़ बन्दवी


19. उसे किसी से मोहब्बत न थी मगर उस ने


गुलाब तोड़ के दुनिया को शक में डाल दिया


- दिलावर अली आज़र


20. अब इत्र भी मलो तो तकल्लुफ़ की बू कहाँ


वो दिन हवा हुए जो पसीना गुलाब था


- लाला माधव राम जौहर


21. तिरे बदन की महक को गुलाब से तश्बीह


कि जैसे कोई दिखाए चराग़ सूरज को


- मारूफ़ रायबरेलवी

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