Friday, February 21, 2025

कैसे ज़मीं की बात कहें आसमाँ से हम

आख़िर दुआ करें भी तो किस मुद्दआ के साथ

कैसे ज़मीं की बात कहें आसमाँ से हम

*

मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर हर तरफ़ हैं

मगर हर शख़्स तन्हा जा रहा है

*

जिस भी फ़नकार का शहकार हो तुम

उस ने सदियों तुम्हें सोचा होगा


-अहमद नदीम क़ासमी

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