1. चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है.
2. ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी न की
दुश्मनी का भी हक़ अदा न हुआ
3. छुप नहीं सकती छुपाने से मोहब्बत की नज़र
पड़ ही जाती है रुख़-ए-यार पे हसरत की नज़र
4. देखा किए वो मस्त निगाहों से बार बार
जब तक शराब आई कई दौर हो गए
5. जो और कुछ हो तिरी दीद के सिवा मंज़ूर
तो मुझ पे ख़्वाहिश-ए-जन्नत हराम हो जाए
6. आप को आता रहा मेरे सताने का ख़याल
सुलह से अच्छी रही मुझ को लड़ाई आप की
7. चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
8. इक़रार है कि दिल से तुम्हें चाहते हैं हम
कुछ इस गुनाह की भी सज़ा है तुम्हारे पास
9. मालूम सब है पूछते हो फिर भी मुद्दआ'
अब तुम से दिल की बात कहें क्या ज़बाँ से हम
10. वफ़ा तुझ से ऐ बेवफ़ा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
11. शेर दर-अस्ल हैं वही 'हसरत'
सुनते ही दिल में जो उतर जाएँ
12. आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न
आया मेरा ख़याल तो शर्मा के रह गए
13. छुप नहीं सकती छुपाने से मोहब्बत की नज़र
पड़ ही जाती है रुख़-ए-यार पे हसरत की नज़र
14.आरज़ू तेरी बरक़रार रहे
दिल का क्या है रहा रहा न रहा
15. उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ
कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास
16. शाम हो या कि सहर याद उन्हीं की रखनी
दिन हो या रात हमें ज़िक्र उन्हीं का करना
17. हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें
दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या
18. देखा किए वो मस्त निगाहों से बार बार
जब तक शराब आई कई दौर हो गए
19. फिर और तग़ाफ़ुल का सबब क्या है ख़ुदाया
मैं याद न आऊँ उन्हें मुमकिन ही नहीं है
20. बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ी
बादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी
21. आप को आता रहा मेरे सताने का ख़याल
सुलह से अच्छी रही मुझ को लड़ाई आप की
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