Friday, February 14, 2025

इतनी खूबसूरत ये ज़िंदगी नहीं होती

दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती

इतनी खूबसूरत ये ज़िंदगी नहीं होती

दोस्त पे करम करना और हिसाब भी रखना

कारोबार होता. है. दोस्ती नहीं होती

ख़ुद चराग बन के जल वक़्त के अँघेरे में

भीक के उजालों से रौशनी नहीं होती

शायरी है सरमाया ख़ुश-नसीब लोगों का

बाँस की हर इक टहनी बाँसुरी नहीं होती

खेल ज़िंदगी के तुम खेलते रहो यारो

हार जीत कोई भी आख़िरी नहीं होती

-  हस्तीमल हस्ती

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