उस के दिल में जो बंद रहता है
ज़िंदगी भर वो राज़ खुलता है
मोर के पाँव में जो काँटा है
मोर के साथ-साथ नाचा है
हम बताते हैं मसअला क्या है
लोग कहते हैं शे'र अच्छा है
किस की आँखों से कौन रोता है
सिर्फ़ अल्लाह जान सकता है
मेरा कुछ माँगना गुज़ारिश है
उस का कुछ माँगना तक़ाज़ा है
देर तक नाचने नहीं देता
ज़ेहन-ओ-दिल पे जो बोझ रक्खा है
कोई चादर वफ़ा नहीं करती
वक़्त जब खींच-तान करता है
आप के भेस में अभी हम ने
आप का इंतिज़ार देखा है
अपने अपने मुग़ालते हैं मियाँ
वर्ना दुनिया में कौन किस का है
फ़हमी बदायूनी
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