Sunday, July 9, 2023

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा

मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा 

तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा 
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा 

न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो 
मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आएगा 

मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ 
अगर वो आया तो किस रास्ते से आएगा 

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है 
तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा
Bashir बद्र 

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