Sunday, July 9, 2023

हम नहीं है तेरे हाथों की लकीरों में

जिनके चेहरे को

दिल में बसा के रखे हैं 

वो कहते हैं 
हम नहीं है तेरे 
हाथों की लकीरों में। 

अगर मान भी लें 
इस बात को 
धड़कने कैसे चलना 
सीखेगी उनके बिना 
अकेले में। 

दिन कैसे भी कट जाएंगे 
लेकिन रातों में 
तू आ ही जाना कसम से रे 
लेकिन रातों 
में तू आ ही जाना कसम से रे। 

नजरे तरसती है 
तेरे दीदार को 
पूछते हैं लोग मुझसे 
गिरती बारिश में 
क्यों भरी है आंखें 
जैसे झील हो वहां पै 

कैसा ,कैसा तुम्हें लगता है 
तारों के टूटने पर भी 
क्या आसमान रोता है 

चांदनी रातों में 
चांदनी रातों में 
क्या तुमने कभी 
अंधेरों का एहसास 
किया है 
ठुकराया हुआ मेरा दिल 
जब भी दर्द में होता है 
हर बार तुझे माफ करना 
चाहता है 
ठुकराया हुआ मेरा दिल 
जब भी दर्द में होता है 
हर बार तुझे माफ करना 
चाहता है । 

जिनके चेहरे को 
दिल में बसा के रखे हैं 

वो कहते हैं 
हम नहीं है तेरे 
हाथों की लकीरों में।

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