कमियों गलतियों की बात न कर मुझ से,
ढुंँढने का बोझ कभी उठाया नहीं।
दर्द और व्यथा की चर्चा कहाँ तक करें,
अफसोस का बोझ कभी ढोया नहीं।
राह से पगडण्डी पगडण्डी से राह पर चलता रहा,
काँटें और ठोकरों के भय से भटका नहीं।
खूबियाँ के बारे में कुछ समझा नहीं,
खूबियों की चिन्ता ने कभी पटका नहीं।
खुशी छुपी खुशियों के संग में,
खुशी नफरत शिकायत में मिलती नहीं ।
अल्हड़पन के गीतों पर जिंदगी सजी,
सरगम के लहरों पर मचलना जरूर।
जिंदगी का मचलना मचल के चहकना,
चहकने की चाहत में शिकवे नहीं है।
यूँ ही जीवन की धुन गुनगुनाता रहा,
यश अपयश के खेल में उलक्षा नहीं ।
कमियों गलतियों की बात न कर मुझ से,
ढुंँढने का बोझ कभी उठाया नहीं।
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