तुम मेरे पास होते हो,
गोया जब कोई दूसरा नहीं होता.
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बारे दुनिया में रहो गम-जदा या शाद रहो,
ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो.
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उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और,
हम भी सर झुकाये हुए चुपचाप गुजर जाते है.
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हमारी तरफ अब वो कम देखते हैं,
वो नज़रें नहीं जिन को हम देखते हैं.
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सावन एक महीने, आँसू जीवन भर,
इन आँखों के आगे बादल बेऔकात लगे.
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देखना मुड़ मुड़ के वो उसी की तरफ,
किसी को छोड़ के जाना भी तो नहीं.
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कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाए.
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