Thursday, July 27, 2023

ढलती शाम में तेरी याद

"ढलती शाम में तेरी याद,

बैठती आकर मेरे पास; 
आँखों को करके नम, 
करती तन्हा दिल को और उदास। 

जाने किस घड़ी आ जाए ज़िन्दगी की शाम, 
और पूरी तरह छूटे तेरा मेरा साथ; 
एक बार तो आ ही जा तू, 
समझकर मेरे जज़्बात।।" 

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