तुम्हारे अधरों पर प्रथम💋चुम्बन,
खिल उठा हृदय, इक नया जीवन.
जैसे खुल गए साधना के बंधन,
तन मन में नव शैशव यौवन।
वो तुम्हारे होठों का कम्पन,
थम सी गई दिल की धड़कन.
जुम्बिश-ए-लब का अनविरत क्रम,
कुछ यूँ हुआ दो रूहों का मिलन।
ये तुम्हारा गुल सा बदन,
मेरे बालों पे तुम्हारे हाथों का छुअन.
बुझ गई सदियों की तपन,
वो हमारा प्रथम💋चुम्बन।
तुम सुंदर से अति सुंदर,
शीतल, निश्चल, करूण व निर्मल.
तेरा मेरा प्यार पतित पावन,
सदा रहे, न बदले, न हो कुछ कम॥
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