सुना है वो हमें भुलाने लगे हैं
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं
हटाए थे जो राह से दोस्तों की
तो पत्थर मेरे घर में आने लगे हैं
ये कहना था उनसे मुहब्ब्त हो मुझको
ये कहने मे मुझको ज़माने लगे हैं
कयामत यकीनन करीब आ गई है
"ख़ुमार" अब तो मस्ज़िद में जाने लगे हैंख़ुमार बाराबंकवी
Monday, February 13, 2023
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment