Monday, February 13, 2023

उन कतरों को अपने होंठों से उठाना है.

बारिश में तुम्हारे संग नहाना है, 
सपना ये मेरा कितना सुहाना है,
बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे, 
उन कतरों को अपने होंठों से उठाना है.

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