ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
हर लम्हा हर पल,
सोचता हूं साथ के वो पल
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
पहले वजह ना थी जीने की,
अब वजह तुम हो,
पहले कोई ना था मेरा,
अब सिर्फ तुम हो,
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
जब मिला था पहली बार,
दिल ने चाहा मिलें बार बार,
इसी के बहाव में,
मिलता रहा बार बार,
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
दिल की तमन्ना थी,
जिंदगी खुशमिजाज थी,
जब बारिश आती,
तुम याद आती,
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
एक पल था वो,
एक पल है ये,
पहले तू साथ थी,
अब तेरी यादें साथ है,
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
जब समय आया बिछड़ने का,
ना में समझा ना वो समझी,
और जब बिछड़ गए,
तो दोनो को सब समझ आ गया,
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं,
ना जाने क्यूं,
सोचता रहता हूं यूं।
Monday, February 13, 2023
सोचता रहता हूं यूं
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