जिस दिन आऊंगा तेरे शहर में
तुमसे मिलूंगा जरुर,पर चुप रहूंगा
दिल की पीड़ा छुपाकर सबसे
पर मैं खुश रुहूंगा
आंखों में तो पानी आएगा
पर एक भी बूंद चेहरे पर गिरने नहीं दूंगा
जिस दिन आऊंगा तेरे शहर में
हर गली तेरे शहर की ,तेरी याद तो दिलाएगी
मैं घूमूंगा इन गलियों में
पर खुद को रोने नहीं दूंगा
हर रात में हर बात याद आएगी
तो अपनी आँखों को सोने नहीं दूंगा
जिस दिन आऊंगा तेरे शहर में
तुमसे मिलूंगा जरुर,पर चुप रहूंगा
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