Thursday, May 6, 2021

मदद शायरी

हम चराग़ों की मदद करते रहे
और उधर सूरज बुझा डाला गया
- मनीश शुक्ला


कुछ न कहने से भी छिन जाता है एजाज़-ए-सुख़न
ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है
- मुज़फ़्फ़र वारसी 


समुंदरों को भी हैरत हुई कि डूबते वक़्त
किसी को हम ने मदद के लिए पुकारा नहीं
- इफ़्तिख़ार आरिफ़ 


न कुछ सितम से तिरे आह आह करता हूं
मैं अपने दिल की मदद गाह गाह करता हूं 
- शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

तदबीर के दस्त-ए-रंगीं से तक़दीर दरख़्शां होती है
क़ुदरत भी मदद फ़रमाती है जब कोशिश-ए-इंसां होती है
- हफ़ीज़ बनारसी


अज़ीज़ आए मदद को न ग़म-गुसार आए
ज़माने भर को मुसीबत में हम पुकार आए
- जावेद वशिष्ट

बहुत सादा दिल हैं बहुत नेक हैं
हमारे तुम्हारे मदद-गार सब
- अक़ील नोमानी


कोई मेरी मदद को आया नहीं
मैं ने सब को पुकार कर देखा
- सय्यदा कौसर मनव्वर शरक़पुरी

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