कुछ दिन
तुम्हारे दिल के
खूबसूरत शहर में
ठहर जाने दो.
ग़र मंजूर हो
तो धीरे से मुस्कुरा देना
ग़र तकल्लुफ़ हो तो
चुपके से बता देना.
मैं देश तुम्हारे दिल का
छोड़ चला जाऊंगा
ये वादा है मेरा
कभी लौट कर
नहीं आऊंगा.
ग़र भा गया
तुम्हारे मन को
तो दिल में बसा लेना
अपना शहर छोड़ कर
तुम्हारे दिल में बस जाऊंगा.
प्रवासी... हूँ...
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