Friday, May 7, 2021

ज़मीं पे इंसाँ ख़ुदा बना था वबा से पहले

ज़मीं पे इंसाँ ख़ुदा बना था वबा से पहले 
वो ख़ुद को सब कुछ समझ रहा था वबा से पहले 

पलक झपकते ही सारा मंज़र बदल गया है 
यहाँ तो मेला लगा हुआ था वबा से पहले 

तुम आज हाथों से दूरियाँ नापते हो सोचो 
दिलों में किस दर्जा फ़ासला था वबा से पहले 

अजीब सी दौड़ में सब ऐसे लगे हुए थे 
मकाँ मकीनों को ढूँढता था वबा से पहले 

हम आज ख़ल्वत में इस ज़माने को रो रहे हैं 
वो जिस से सब को बहुत गिला था वबा से पहले 

न जाने क्यों आ गया दुआ में मिरी वो बच्चा 
सड़क पे जो फूल बेचता था वबा से पहले 

दुआ को उट्ठे हैं हाथ 'अम्बर' तो ध्यान आया 
ये आसमाँ सुर्ख़ हो चुका था वबा से पहले 

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