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बावफ़ा लिखूं तुझको या बेवफ़ा लिखूं
2. कभी इनायत कभी कहर भी होगी
जिंदगी कभी जाम कभी जहर भी होगी
3. प्यालों की शाम उजालों की सहर भी होगी
मगर हयात के सफ़र में दोपहर भी होगी
4. जिसकी हमें उम्मीद थी तुझसे कभी मिला नहीं
फिर भी मगर ऐ जिंदगी तुझसे हमें गिला नहीं
5. तमाम उम्र हमने जिंदगी से आशनाई की
मगर जिंदगी ने फिर भी हमसे बेवफाई की
6. पहले क्यों बिठाया था उठाकर हमें अपने ठिकानों से
अब ए जिंदगी तेरे शानों से हम उतर नहीं सकते
7. 'नामचीन' मौत तो जब आएगी तब आएगी
ये जिंदगी पहले ही मेरा काम तमाम करके छोड़ेगी
8. दरबदर भटकाती रही जिंदगी हमें उम्रभर आजमाती रही
कभी हम इस इम्तिहान में रहे कभी उस इम्तिहान में रहे
9. ऐ जिंदगी अगर तू मयस्सर होने का वादा करे तो हम
तेरी तलाश में कुछ दिन और दुनिया की ख़ाक छान लेते हैं
10.मुकद्दर के इस खेल में हम भी अपनी किस्मत आजमाकर
देखते हैं
अगर ज़िन्दगी जुआ है तो हम भी एक दांव लगाकर देखते हैं
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