खुद को देखोगे तुम जिसमें,
मैं वो अक्स बन जाऊंगी।
ढूंढोगे तुम जिसको हर किरदार में,
मैं वो शख्स बन जाऊंगी।।
चलना चाहोगे तुम बार-बार जिस पर,
मैं वो डगर बन जाऊंगी।
खो जाओगे तुम जिस में हमेशा के लिए,
मैं वो भंवर बन जाऊंगी।।
याद आएगा जो तुम्हें बार-बार,
मैं वो पल बन जाऊंगी।
इंतजार रहेगा तुम्हें जिसका हमेशा,
मैं वो कल बन जाऊंगी।।
याद करके मुस्कुराओगे तुम जिसे,
मैं वो हसीं भूल बन जाऊंगी।
महकती रहेगी तुम्हारी जिंदगी जिस खुशबू से,
मैं वो फूल बन जाऊंगी।।
जिसके बिना अधूरे हो जाओगे तुम,
मैं तुम्हारा वो हिस्सा बन जाऊंगी।
कमी महसूस होगी तुम्हे जिसकी,
मैं तुम्हारा वो किस्सा बन जाऊंगी।।
भर आए जो हर खुशी में भी,
मैं वो नयन सजल बन जाऊंगी।
गुनगुनाओगे तुम जिसे हर पल,
मैं वो हसीं ग़ज़ल बन जाऊंगी
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