Monday, January 27, 2020

वतन पर जान देने ही को हम जन्नत समझते हैं

फ़िदा-ए-मुल्क होना हासिल-ए-क़िस्मत समझते हैं 
वतन पर जान देने ही को हम जन्नत समझते हैं 

~आनंद नारायण मुल्ला

No comments: