Saturday, January 25, 2020

मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया

जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का, 
मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया! 

No comments: