Thursday, January 23, 2020

इक ऐसी राह पे जो तेरी रहगुज़र भी नहीं

न जाने किस लिए उम्मीद-वार बैठा हूँ 
इक ऐसी राह पे जो तेरी रहगुज़र भी नहीं 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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