Thursday, January 16, 2020

इक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया!

पलकों की हद को तोड़ के दामन पे आ गिरा, 
इक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया! 

~अज्ञात 

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