Friday, January 24, 2020

तू ख़िज़ाँ का फूल है मुस्करा,

मुझे पतझड़ों की कहानियाँ, 
न सुना सुना के उदास कर, 
तू ख़िज़ाँ का फूल है मुस्करा, 
जो गुज़र गया सो गुज़र गया! 

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