Friday, January 24, 2020

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखायेंगे

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखायेंगे, 
रोयेंगे बहुत लेकिन, आँसू नहीं आयेंगे! 
कह देना समन्दर से, हम ओस के मोती हैं, 
दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आयेंगे! 

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