Sunday, January 12, 2020

अब तलक़ ज़िंदा हूँ तिरा नाम ले लेकर!

इक शब मुझे ख़याल आया इस शब की सुब्ह न हो कभी, 

कुव्वत-ए-हिज्र ने कुछ ऐसी ता'ब दी कि अब तलक़ ज़िंदा हूँ तिरा नाम ले लेकर! 

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