तुमने अपने हुस्न पर हयात के पर्दे लगा रखे हैं
काजल क्या कम थे जो शुरमा लगा रखे हैं
दिल ने कहा कि मर जाना है हमें डूबकर तुम्हारी ऑखों में
शुक्र है की आज तुमने आखों में मैयखाने सजा रखे हैं!
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आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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