Saturday, June 1, 2019

विसाल ए यार

न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके
वो रात जो कि तिरे गेसुओं की रात नहीं
ये आरज़ू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम
विसाल-ए-यार फ़क़त आरज़ू की बात नहीं

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